नितेश बताते हैं, ‘चूंकि यह शो फिलॉसफी पर यकीन करता है इसलिए हमने यह कैंपेन (कब तक रोकोगे) क्रिएट किया है। इसमें हमने यह समझाने की कोशिश की है कि भले ही परिस्थितियां साथ न दें, भाग्य साथ न दे, पूरी दुनिया आपके खिलाफ खड़ी हो लेकिन अगर आप खुद हार ना मानें तो कोई आपको रोक नहीं सकता। आखिरकार एक दिन आपको सक्सेस जरूर मिलेगी।
जब मैंने जी को इस आइडिया के साथ अप्रोच किया तो उन्हें यह बेहद पसंद आया। यहां तक कि वे इससे सुनने के बाद इमोशनल हो गए। उन्हें अपने स्ट्रगलिंग डेज की याद आ गई। उनकी लाइफ में कई ऐसी परिस्थितियां आईं जब लगा कि पूरी दुनिया उनके खिलाफ हो गई है लेकिन उन्होंने पिता की फिलॉसफी को फॉलो किया। उनके साथ काम करके हमेशा खुशी होती है।
मैं बचपन से ही अमिताभ का बड़ा फैन हूं। उनके साथ बिताया हर लम्हा मेरे लिए स्पेशल है। वे किसी के भी काम को जज नहीं करते। उनकी यह बात हर क्रिएटिव इंसान को अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का मौका देती है। वे किसी भी क्रिएटिव वर्क में इंटरफेयर नहीं करते। आप उन्हें जो भी बताते हो वो उसे करने के लिए रेडी रहते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि वे स्क्रिप्ट में कुछ पॉइंट देते हैं या कुछ अपनी लाइनें बताते हैं जो स्क्रिप्ट को और भी पावरफुल बनाती हैं। वे एक ऐसे होस्ट हैं जो कंटेस्टेंट के इमोशंस को समझते हैं।