फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआइसीई) ने महाराष्ट्र सरकार को एक ज्ञापन भेजकर सिनेमा,टीवी शो और मनोरंजन के दूसरे माध्यम से जुड़े श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश और उन्हें पीएफ तथा इ एस आई की सुविधा दिए जाने की फिर से मांग की है। एफडब्लूआईसीई ने कुछ निर्माताओं पर श्रमिकों के शोषण का भी आरोप लगाया है।भेजे ज्ञापन में कहा गया है कि श्रम विभाग की नियमावली के अनुसार श्रमिकों से नौ घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता है, लेकिन सिनेमा,टीवी शो और मनोरंजन के दूसरे माध्यम से जुड़े श्रमिकों से 12 से 18 घंटे काम लिया जा रहा है। और इन्हें इसका अतिरिक्त मानदेय भी नहीं दिया जाता है। श्रमिकों की इन समस्याओं के संबंध में एफडब्लूआइसीई की ओर से श्रम आयुक्त से भी पत्राचार कर कार्रवाई की मांग की गई है। एफडब्लूआइसीई के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी,जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे और ट्रेजरार गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव (संजू) तथा चीफ एडवाइजर अशोक पंडित के अनुसार लगभग 12 से 18 घंटे की सेवा, सातों दिनों निरंतर कार्य करते रहने से जहां एक ओर श्रमिकों की कार्य क्षमता एवं आराम में गिरावट दृष्टि गोचर हो रही है, वहीं दूसरी ओर श्रमिक अपने पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों का निर्वहन ठीक प्रकार से नहीं कर पाते हैं। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए श्रमिकों के कल्याण एवं कार्यकुशलता में वृद्धि करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया जाना अपेक्षित है कि सिनेमा और मनोरंजन उद्योग से जुड़े श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश और पीएफ तथा इ एस आई आई की सुविधा दिया जाए। एफडब्लूआइसीई इसके पहले भी श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश देने की मांग कर चुकी है।