सिनेमा और टीवी कर्मियों को मिलेगा जल्द ही मिनिमम वेजेज ,हेल्थ और सेफ्टी सहित अन्य लाभ- जे.के. सागर
फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलाईज द्वारा आयोजित सत्कार समारोह में सिनेमा एक्ट में टेलिविजन और व ेब सिरीज कामगारों को भी शामिल करने की घोषणा
मुंबई, सिनेमा और टेलिविजन धारावाहिकों के निर्माण से जुड़े लाखों कामगारों की जिंदगी से जल्द ही अंधेरा छटेगा। केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने सि नेमा एक्ट १९८१ में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है और जल्द ही इस कानून में संशोधन किया जायेगा। इसमें संशोधन होने के बाद सिनेमा और टीवी कामगारों को कई लाभ मिलेंगे जिनके वे हकदार हैं। उक्त घोषणा पूर्व भाजपा सांसद और पूर्व अध्यक्ष पार्लियामेंट्री कमेटी (कामगार) श्री किरीट सोमैया ने व्यक्त किया। फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलाईज द्वारा सत्कार समारोह का आयोजन बुधवार को फेडरेशन के अंधेरी पश्चिम स्थित कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर श्री किरीट सोमैया ने कहा कि हजारों करोड़ की येइंडस्ट्रीज है मगर यहां मजदूरोंकी ओर पूर्व की सरकार ने ध्यान नहीं दिया। सिनेमा एक्ट १९८१ में संशोधन कर इसमें टेलीविजन और डीजिटल को भी शामिल करने पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दिया है और जल्द ही इसको सदन में मंजूरी के लिये लाया जायेगा।
इस सत्कार समारोह में फेडरेशन से जुड़ी २८ यूनियनों के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये भारत सरकार के पूर्वचीफ लेबर कमिश्नर श्री जे. के. सागर ने कहा कि अब तक लोग ये समझते थे कि सिनेमा का मतलब सिर्फ अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान ही होते हैं मगर किसी का ध्यान सिनेमा और टेलिविजन इंडस्ट्रीज से जुड़े ल ाखों कामगारों की ओर नहीं गया। सिनेमा एक्ट में संशोधन कर इसमें मिनिमम वेवेज, हेल्थ और सेफ्टी सहित अन्य लाभ को शामिल किया जारहा है। इसमें मजदूरों के काम के घंटेभी तय होंगे। इसमें सजा और अर्थदंड दोनो का प्रावधान किया जारहा है। साथ ही कई अन्य सुविधायें भी सिनेमा और टेलिविजन कामगारों को मिलेगा। इस अवसर पर फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलाईज के प्रेसिडेंट बी.एन. तिवारी ने कहा कि आज हिन्दी सिनेमा १०० साल के करीब पहुंच रहा है। सिनेमा एक्ट १९८१-८२ में बना और तब ये उस समय के हिसाब से बनाया गया था। अब इंडस्ट्रीज बहुत बड़ी हो गयी है। इसमें टीवी शोज आगये हैं। वेब सिरिज बन रहे हैं। अब तो मोबाईल पर भी फिल्में बनने लगी हैं लेकिन काम करने वाला तो कोई ना कोई सिन ेमा का ही आदमी है। जिसके अंदर सोच है, जो क्रियेटर है उसकी सुरक्षा, वेतन और स्वास्थ्य पर बात होनी ही चाहिये। इस एक्ट को बनाने में किरीट सोमैया जी और जे. के . सागर जी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। इस अवसर पर फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलाईज के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे, फेडरेशन केट्रेजरार गंगेश्वर श्रीवास्तव (संजू), सिनियर वाईस प्रेसिडेंट फिरोज खान(राजाभाई), वाईस प्रेसिडेंट संगम उपाध्याय, ज्वाईंट सेक्रेटरी स्टेनली डिसोजा, ज्वाईंट सेक्रेटरी राजेन्द्र सिंह, ज्वाईंट ट्रेजरार नदीम खान, मुख्य सलाहकार अशोक पंडित, मुख्य सलाहकार शरद शेलार, डबिंग एसोसिएशन की प्रेसिडेंट चंपा तिवारी, सिंटा के प्रेसिडेंट सुशांत सिंह , राकेश मौर्या जूनियर आर्टिस्ट एस ोसिएशन (महिला आर्टिस्ट) की प्रेसिडेंट लक्ष्मी गोसामी , जनरल सेक्रेटरी लाबिया सहित अन्य यूनियनों के लोग भी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्पलाईज के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने किया और अतिथियों का आभार फेडरेशन के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने व्यक्त किया।
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